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मंत्री अब खुद भरेंगे अपना इनकम टैक्स, 35 साल से भर रही थी सरकार
Friday, February 21, 2020 IST
मंत्री अब खुद भरेंगे अपना इनकम टैक्स, 35 साल से भर रही थी सरकार

दोनों सदनों ने यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग विधयेक पर भी मुहर लगा दी। इसके तहत शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन होगा, जो बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया आयोजित करेगा।

 
 

यूपी में अब सीएम सहित सभी मंत्री अपने वेतन पर लगने वाला आयकर अब खुद भरेंगे। गुरुवार को विधानसभा और विधान परिषद ने यूपी मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध) विधेयक को मंजूरी दे दी। इसमें वह प्रावधान हटा दिया गया, जिसके तहत मंत्रियों के वेतन पर आयकर सरकार भरती थी। करीब 35 साल से राज्य सरकार आयकर भर रही थी। इसी सत्र में मंत्रियों का 86 लाख रुपये का कर चुकाया गया था। सरकार नवंबर में ही यह व्यवस्था खत्म करने के लिए अध्यादेश ला चुकी थी, अब सदन से भी इस पर मुहर लग गई है।
 
दोनों सदनों ने यूपी दंड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) विधेयक को भी हरी झंडी दे दी। इसके तहत मैजिस्ट्रेस्ट के सामने सीआरपीसी की धारा 107 और 109 के तहत लंबित मुकदमों को खत्म किया जा सकेगा। इसके लिए कटऑफ अवधि एक साल बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2016 कर दी गई है। दोनों सदन में अनुपूरक बजट सहित 6 विधेयकों को हरी झंडी दी।
 
राजकीय व अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान आयोग के दायरे से बाहर
 
दोनों सदनों ने यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग विधयेक पर भी मुहर लगा दी। इसके तहत शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन होगा, जो बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया आयोजित करेगा। हालांकि, आयोग की परिधि से राजकीय इंटर कॉलेजों, डिग्री कॉलेजों और अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को बाहर रखा गया है। पूर्व कुलपति, विश्वविद्यालय में तीन साल के प्रशासनिक अनुभव के साथ कम से कम 10 साल प्रफेसर रहे व्यक्ति या प्रमुख सचिव के स्तर तक के आईएएस आयोग के अध्यक्ष बन सकेंगे। 65 वर्ष की आयु या पांच साल तक अधिकतम अध्यक्ष का कार्यकाल होगा। लगातार दो बार से अधिक किसी को अध्यक्ष का कार्यकाल नहीं दिया जा सकेगा।
 
दुकानों का नहीं करवाना होगा बार-बार रजिस्ट्रेशन
 
सरकार ने व्यापारियों को राहत देते हुए दुकानों के बार-बार रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था खत्म कर दी है। इसके लिए यूपी दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान संशोधन विधेयक को सहमति दे दी। मौजूदा व्यवस्था के तहत दुकान का रजिस्ट्रेशन एक तय अवधि के लिए होता है और इसके बाद नवीनीकरण करवाना पड़ता है। अब दुकान का पंजीकरण तब तक मान्य होगा, जब तक वह बंद नहीं हो जाती। इसके अलावा दोनों सदनों से यूपी राज्य विवि तृतीय संशोधन विधेयक भी पास किया गया। इसके तहत अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विवि की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है।

 
 

 
 
 
 
 

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Shibu Chandran
2 hours ago

Serving political interests in another person's illness is the lowest form of human value. A 70+ y old lady has cancer.

November 28, 2016 05:00 IST
Shibu Chandran
2 hours ago

Serving political interests in another person's illness is the lowest form of human value. A 70+ y old lady has cancer.

November 28, 2016 05:00 IST
Shibu Chandran
2 hours ago

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November 28, 2016 05:00 IST
Shibu Chandran
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